सोमवार, 12 जुलाई 2010
सच्चे अक्षरों को मेरा सलाम ......
किसी ने जन्मदिन की बधाई देते हुए मेरे अक्षरों की सलामती की भी बात कही ......मुझे किसी का लिखा हुआ याद आ गया .......लोगों का दिल उन अक्षरों , शायरों और किस्साकारों को सलाम कहता है जो मोहबत की वारदातें कुछ अक्षरों में उतार कर , लोगों के दमन में भर देते है पर कुछ ऐसे भी किस्साकार होते हैं जिनके मन में खामोश दस्ताने सुलगती रहती हैं , उनके अक्षरों में भी..... सच्चे अक्षरों को मेरा सलाम
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
2 टिप्पणियां:
सच्चे अक्षरों को मेरा भी सलाम- बहुत दिन बाद दिखीं आप
सच्चे अक्षरों का कोई जवाब नहीं...खुबसूरत अभिव्यक्ति.
एक टिप्पणी भेजें