रविवार, 3 अगस्त 2008

दोस्ती का सिर्फ़ एक दिन

आज संडे हैं, मेरा आफ रहता है लेकिन अभी अभी मुझे आफिस से फोन आया, फ्रेंडषिप डे पर कुछ आइटम लिखना है, मैडम कुछ आइडिया दे दो , मैंने कुछ टिप्स दे दिये लेकिन बाद में सोचा कि जितना हल्ला इस पर माकेZट में हो रहा है, उससे भी ज्यादा हल्ला अखबारों में भी हो रहा है। अभी इस बार के फीचर पेज पर भी दो स्टोरी दोस्ती पर ही आधारित थी। मैंने भी एक आइटम दिया। दो दिन पूर्व ही भोलेनाथ का जलाभिशेक पर्व था, मेरे मोबाइल पर एक ही मैसेज आया लेकिन आज सुबह से मैं मैसेज इरेज करके थक गई हूं। लोगों में दोस्ती, वेलेनटाइन डे, और ऐसे ही दिवसों पर बेहतर उर्जा देखने को मिलती है। अफसोस तो यह है कि यह नई पीढ़ी का खेल है। समझ नहीं आता, ऐसे कौन कौन से दिन अब देखने को मिलेंगे।

1 टिप्पणी:

manju ने कहा…

Friedship Day ho ya Valentine Day,
yaar, Dil pe mat lo. Actually jab kisi cheej ki kami life mein hoti hai, log usi ko baar-baar kisi na kisi roop mein pane ki kosis karte hain. Maar- kaat /dhoka dhadi se to behtar hee hai dosti ka ya pyaar ka izhaar karna.
yAAR, POOJA- ARCHANA BAHUT PERSONAL FEELING HAI, AUR dOSTI YA PYAAR BAHUT SOCIAL. Mera manana hai ki religious se jyada insaan ko socially/ morally strog hona chahiye.

HAPPY FRIENDSHIP DAY
Manju Gupta