सोमवार, 11 अगस्त 2008

प्यार ! ये कहीं खो न जाएं



सुना था
प्यार बहुत जरूरी अहसास है
सबके लिये
ऐसा जाना भी
फिर इक मुलाकात हुई
इक नया अनुभव हुआ
प्यार जरूरी नहीं है
सबके लिये
कुछ को इसे लेना नहीं आता
कुछ को इसे देना नहीं आता
मैने अपने प्यार को
रख दिया मन के संदूक में
पत्थर से दबा कर
बड़ी हिफाजत से
ताकि जब इसकी जरूरत पड़े
ये कहीं खो न जाए

7 टिप्‍पणियां:

सचिन श्रीवास्तव ने कहा…

इस पर टिप्पणी क्या की जाए... मुकम्मल है..

रश्मि प्रभा... ने कहा…

hifazat se hi rakhiyega,
bahut achhi

Anita kumar ने कहा…

बहुत अच्छा किया

रंजू भाटिया ने कहा…

बहुत सुंदर लिखा है आपने

ilesh ने कहा…

प्यार वो एहसास हे जिसके बिना जिंदगी जी नही जा सकती
वाही तो इंसान को सुकून देता हे.....
सही कहा ......
कुछ को इसे लेना नहीं आता
कुछ को इसे देना नहीं आता

nice poem.....

ओमकार चौधरी ने कहा…

good one. har kisi ko nahi milta yaha pyar zindagi mai..

बेनामी ने कहा…

मैं आेमकार भाई की बात से सहमत हूं।